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धनतेरस पूजा विधि, 2023 में शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री…

  • 20 February 2023

  • by SmartPuja Desk

भारत के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होती है | जैसा की नाम से ही पता चलता है की यह त्यौहार धन सम्पदा और सुख संपत्ति और सौभाग्य प्राप्ति के लिए किया जाता है | धनतेरस के साथ कई कथाएं जुडी हुई है जिससे यह त्यौहार बहुत ही प्रमुखता से मनाया जाता है | खासकर इस दिन नए वस्त्रों, आभूषणों और बर्तन खरीदने को शुभ माना जाता है | इस दिन माता लक्ष्मी के साथ ही भगवान धन्वंतरि, मृत्यु के देवता यमराज और धन के देवता कुबेर की विशेष पूजा अर्चना की जाती है | 

स्मार्टपूजा के साथ आप अपने इस खास दिन की पूजा बिना किसी परेशानी के कर सकते है | स्मार्टपूजा पर ऑनलाइन बुकिंग करके या कॉल करके आप अपनी धनतेरस की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त जानने से लेकर, पूजन सामग्री, पंडित और सजावट की व्यवस्था ऑनलाइन कर सकते है | पूजा बुकिंग  से सबंधित जानकारी आपको इस ब्लॉग के अंत में मिल जाएगी | 

Table of Contents

    • Contact form
  • धनतेरस पूजा क्यों की जाती है ? 
  • धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त 
  • धनतेरस पूजा सामग्री 
  • धनतेरस पूजा विधि 
  • धनतेरस से जुडी कहानी 
  • धनतेरस पूजा में क्या करना चाहिए 
  • धनतेरस पूजा का महत्व और लाभ 
  • धनतेरस पूजा में क्या नहीं करना चाहिए 
  • धनतेरस पूजा की बुकिंग कैसे करे ? 

Contact form

धनतेरस पूजा क्यों की जाती है ? 

धनतेरस का अर्थ है धन की त्रयोदशी | धनतेरस का त्यौहार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है | जब देवताओं और दानवों द्वारा समुद्र मंथन किया गया था तो समुद्रमंथन से धन्वंतरि जी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे | यही वजह है की इस दिन को धन्वंतरि त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है | यह दिन बहुत ही शुभ होता है और इस दिन आप यदि विधि विधान से पूजा करते है तो आपके सौभाग्य में 13 गुना वृद्धि होती है |  इस दिन खास तौर पर ज्वेलरी और बर्तन ख़रीदे जाते है इस दिन की खरीददारी बहुत ही शुभ और लाभ प्रदान करने वाली होती है | 

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त 

धनतेरस का त्यौहार दीपावली से 2 दिन पहले कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है, यह तिथि इस वर्ष 10 नवंबर 2023 को आ रही है इसलिए इस वर्ष धनतेरस का त्यौहार पुरे देश भर में 10 नवंबर 2023 को मनाया जायेगा | 

इस दिन देवताओं के वैध धन्वन्तरि जी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए धनतेरस के दिन धन्वंतरि जी की पूजा की जाती है | धन्वन्तरि जी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 5 बजकर 44 मिनिट से 6 बजकर 05 मिनिट तक रहेगा | 

धनतेरस पूजा सामग्री 

  • सभी देवताओं की मूर्ति या फोटो स्थापित करने के लिए चौकी 
  • चौकी पर बिछाने के लिए कपडा 
  • धन्वंतरि और कुबेर जी की फोटो 
  • लक्ष्मी और गणेश जी की फोटो 
  • पूजा के लिए थाल 
  • मिटटी का दीपक 
  • रोली, मोली, चावल
  • पंचामृत के लिए दूध, दही, बुरा, घी, शहद 
  • फूल और फूलमाला 
  • सुपारी 
  • पान के पत्ते 
  • साबुत धनिया 
  • साबुत हल्दी 
  • मिठाई 
  • कपूर  
  • आम के पत्ते 
  • चन्दन 
  • धुप 

धनतेरस पूजा विधि 

  • ईशान कोण को साफ़ करके वहां स्वस्तिक बनाये और चौकी बिछाएं | 
  • चौकी पर धन्वंतरि जी, कुबेर जी एवं लक्ष्मी गणेश जी की मूर्ति या फोटो रख लें | 
  • अब एक कटोरी अनाज रख कर उस पर एक कलश में आम के पत्ते लगाकर उसे चौकी के बगल में रखें | 
  • अब हाथ में पानी लेकर निम्न मन्त्र “ ॐ केशवाय नमः, ॐ नराणाय नमः, ॐ माधवाय नमः बोलकर आचमन करें | फिर ॐ हृषिकेशाय नमः बोलकर अपने अंगूठे से अपना मुँह पोंछ लें | अब ॐ गोविन्दाय नमः बोलकर अपने हाथ धो लें | 
  • अब दीपक प्रज्वलित करें | 
  • अब सबसे पहले भगवान गणेश जी की स्नान कराये, उन्हें वस्त्र, उपवस्त्र पहनाएं | अब तिलक और भोग लगाएं | और उनसे सभी कार्य बिना किसी विघ्न के पूर्ण करने के लिए प्रार्थना करें | 
  • अब भगवान धन्वंतरि और कुबेर जी का पूजन करें | इसके बाद उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं | अब साफ़ पानी से स्नान करवाए | वस्त्र पहनाएं, तिलक करें चावल लगाएं | 
  • अब माता लक्ष्मी को भी स्नान करवाकर उन्हें रोली मोली चावल अर्पित करें | 
  • अब गणेश जी माता लक्ष्मी, धन्वंतरि जी एवं कुबेर जी को मिठाई का भोग लगाएं 
  • अब सब खड़े हो जाएं और आरती करें | 
  • अंत में हाथ में अक्षत और फूल लेकर पुष्पांजलि अर्पित करें | 

धनतेरस से जुडी कहानी 

धनतेरस के साथ एक पौराणिक कहानी जुडी हुई है उस कथा के अनुसार एक बार भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी से कहा की मैं मृत्युलोक यानि की धरती पर विचरण के लिए जा रहा हूँ | ऐसे में माता लक्ष्मी ने कहा की हे नाथ मैं भी आपके साथ चलूंगी | भगवान विष्णु ने कहा की मैं तुम्हे साथ तो ले चलूँगा लेकिन वहां पर मैं जैसा कहूं तुम्हे वैसे ही करना होगा |  लक्ष्मी जी ने इसके लिए हामी भर दी |

भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी धरती पर पहुंच गए | एक जगह दोनों बैठे हुए थे तब भगवान विष्णु ने लक्ष्मी जी से कहा की हे लक्ष्मी मैं दक्षिण दिशा की ओर जा रहा हूँ, तब तक तुम यहीं पर बैठी रहना | भगवान विष्णु जी के जाने के बाद माता लक्ष्मी के मन में आया की ऐसी कौनसी जगह भगवान गए जहाँ पर उन्होंने मुझे भी आने से मना कर दिया | कोतुहलवश वह भगवान विष्णु के पीछे पीछे चली गयी | 

रास्ते में एक गन्ने का खेत मिला तो माता लक्ष्मी उस खेत से 4 गन्ने लेकर चूसने लगी | तभी भगवान विष्णु ने उन्हें देख लिया और भगवान लक्ष्मी जी पर बहुत नाराज हुए | और उन्होंने लक्ष्मी जी को कहा की तुमने किसान के खेत से चोरी की है इसलिए अब 12 वर्षों तक तुम्हे इस किसान के घर में ही रहना होगा और उसकी सेवा करनी होगी | ऐसा कहकर भगवान विष्णु माता लक्ष्मी को किसान के घर छोड़कर अपने धाम चले गए |

वह किसान अत्यंत निर्धन था लेकिन माता लक्ष्मी के आने से उसके दिन बदल गए और वह सभी तरह से धन धान्य से परिपूर्ण हो गया | जल्दी ही 12 वर्ष पुरे हो गए और लक्ष्मी जी जाने को तैयार हुई तो किसान ने उनसे विनय किया की आप मत जाइये | तो माता लक्ष्मी ने कहा कल धनतेरस है और यदि तुम अपने घर को साफ़ स्वच्छ करके लीप कर एक कलश में चांदी का सिक्का रखकर मेरा पूजन करोगे तो मेरा तुम पर आशीर्वाद रहेगा और तुम्हारे धन धान्य और ऐश्वर्य में वृद्धि होगी | माता लक्ष्मी के बताये अनुसार ही किसान ने माता की मिटटी की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा की | और माता ने उन्हें सदैव  सुखी रहने का आशीर्वाद दिया और बोली जो भी व्यक्ति धनतेरस के दिन इसी प्रकार पूजा करेगा तो वह सदैव धन धान्य से परिपूर्ण होकर अपना जीवन सुखपूर्वक बिताएगा |   

धनतेरस पूजा में क्या करना चाहिए 

  • धनतेरस  की पूजा से पहले पुरे घर को साफ़ और स्वच्छ करना चाहिए | 
  • स्नान करके धुले हुए या नए वस्त्र धारण करने चाहिए | 
  • धन्वंतरि जी , गणेश जी माता लक्ष्मी और कुबेर जी की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए | 
  • धनतेरस पर नयी झाड़ू खरीदना बेहद शुभ माना जाता है | 
  • धनतेरस पर 13 दीपक जलाने को बहुत ही शुभ माना जाता है | 
  • इस दिन सोने और चांदी से बनी वस्तुएं खरीदनी चाहिए | 
  • धनतेरस पर बर्तन खरीदने को बहुत ही शुभ माना जाता है | 
  • धनतेरस पर साबुत धनिया खरीदना शुभ माना जाता है | 
  • इस दिन वस्त्र दान, अन्न दान करना बहुत ही शुभ होता है | 
  • कौडियो को हल्दी में भिगोकर उसे अपनी तिजोरी या पैसे रखने के स्थान पर रख सकते है | 

धनतेरस पूजा का महत्व और लाभ 

  • धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि जी अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे | भगवान धन्वंतरि देवताओं के वैद्य है और इस दिन जो व्यक्ति इनकी पूजा करता है वह स्वस्थ रहता है और उसके रोग और दोषों का नाश होता है | 
  • इस दिन यम के लिए दीपदान करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और दीर्घायु होते है | 
  • माता लक्ष्मी की पूजा से धनधान्य में वृद्धि होती है और घर में खुशहाली आती है | 
  • भगवान गणेश की पूजा से सभी विघ्न दूर होते है और जो भी कार्य आप कर करते है उसमें आपको सफलता मिलती है | 
  • कुबेर जी आपके व्यापार और धन में वृद्धि  करते है | 

धनतेरस पूजा में क्या नहीं करना चाहिए 

  • धनतेरस पर कैंची, चाकू जैसे धारदार वस्तुओं की खरीददारी नहीं करनी  चाहिए | 
  • इस दिन प्लास्टिक के सामान भी नहीं खरीदने चाहिए यह शुभ नहीं होता है | 
  • धनतेरस के दिन बिलों के भुगतान नहीं करना चाहिए किसी को पैसे नहीं देने चाहिए | 
  • घर को गन्दा नहीं रखना चाहिए | 
  • मदिरा और नॉनवेज का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए | 

धनतेरस पूजा की बुकिंग कैसे करे ? 

बड़े शहरों में रहने वाले परिवारों के पास समय की कमी होती है और फिर पूजा के लिए सभी तरह की व्यवस्था करना भी बहुत  मुश्किल काम हो जाता है | इसी मुश्किल को हल  करने के लिए स्मार्टपूजा आपके लिए लेकर आया है एक ही जगह पर पूजा से सबंधित सभी समाधान | 

स्मार्टपूजा एक धार्मिक प्लेटफॉर्म है जहाँ पर आप ऑनलाइन धनतेरस का पूजा पैकेज बुक कर सकते है जिसमें आप पा सकते है , शुभ मुहूर्त निकालने की सुविधा, पंडित की व्यवस्था, पूजन सामग्री की व्यवस्था | तो अब स्मार्टपूजा के साथ पूजा के परेशानिमुक्त पूजा के सभी प्रबंधन कीजिये और एक दिव्य और भव्य पूजा का अनुभव प्राप्त कीजिये |
धनतेरस की पूजा से सबंधित अधिक जानकारी के लिए हमें 080-61160400 या व्हाट्सएप @ 9036050108 पर कॉल करें ।

दशहरा पूजा कब है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि एवं सामग्री
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