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गृह प्रवेश पूजा 2023: नए घर में सुख और…

  • 17 February 2023

  • by SmartPuja Desk
गृहप्रवेश पूजा 2022-2023

किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान की पूजा करना हिन्दू धर्म का एक अनिवार्य अंग है | किसी भी व्यक्ति के जीवन में नया घर बनाना उसके सपनों को पूरा करना होता है और यह एक बहुत ही  ख़ुशी का दिन होता है | ऐसे में नए घर में प्रवेश करने से पहले गृह प्रवेश पूजा करवाई जाती है | गृह प्रवेश पूजा के द्वारा हम सभी भगवान से हमारे नए जीवन की शुरुआत के लिए आशीर्वाद मांगते है साथ ही उस स्थान की नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर गृह प्रवेश पूजा के द्वारा होने वाले वैदिक मन्त्रों के उच्चारण से सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते है | 

वास्तु शास्त्र में बताया गया है की हमारा घर और जमीन भी एक जीवित प्राणी है और यदि यह लम्बे समय तक खाली रहता है तो इसमें बुरी शक्तियां रहने लगती है | यह केवल नए घर के लिए ही नहीं है यदि आप किराये के घर में जा रहे है तो भी गृह प्रवेश पूजा करवाने के बाद ही उसे रहने योग्य समझना चाहिए |  

पूजा एक बहुत ही पावन काम है और इसके सही तरह से पूर्ण होने से आपके घर में शांति, समृद्धि का आगमन होता है | ऐसे में आपको गृह प्रवेश पूजा के लिए सभी व्यवस्था को सही तरह से प्रबंधन करना चाहिए | लेकिन आज के समय में बहुत से लोगों के सामने यह समस्या आती है की वह गृह प्रवेश पूजा के लिए शुभ तिथि, पंडित, पूजन सामग्री आदि की व्यवस्था कैसे करें खासकर बड़े शहरों में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है जहाँ पर लोगों के पास इन व्यवस्थाओं के लिए अधिक समय नहीं होता | 

लोगों की इन्हीं समस्याओं को  समझते हुए धार्मिक स्टार्टअप स्मार्टपूजा ने  लोगों की गृह प्रवेश पूजा के लिए शुभ तिथि, पंडित, पूजन सामग्री का प्रबंधन ऑनलाइन प्रदान किया है जिसमें कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन ही इन सभी सुविधाओं को पा सकता है | स्मार्टपूजा इस समय दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, बंगलौर, चेन्नई, कोलकत्ता और पुणे में गृह प्रवेश पूजा की सेवाएं प्रदान कर रहा है | अगर आप चाहते है की पूजा आपकी भाषा में हो तो इसके लिए भी हमारी टीम में भाषा के आधार पर पुरोहित की व्यवस्था की जाती है | हम उत्तर की भाषाएं – हिंदी, गुजराती, संस्कृत, मारवाड़ी और दक्षिण क्षेत्र की भाषाएं – कन्नड़, तेलगु, तमिल, मलयालम, तुलु, कोंकणी, मराठी भाषाओँ में शुभ तिथि पर वैदिक अनुष्ठान करवाते है |  

आपके गृह प्रवेश को सफल बनाने के लिए हमारे पुरोहितों द्वारा पूर्ण धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मन्त्रों का उच्चारण किया जाता है जो की वातावरण में घुलकर आपके घर के समस्त दोषों और नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर वहां पर मंगलकारी जीवन ऊर्जा में प्राण भरते है जिससे यह घर आपके लिए शुभ होता है जिससे  आपका और आपके परिवार का कल्याण होता है | 

गृह प्रवेश पूजा के लिए पुरोहित के साथ ही फूल, पत्ते, हवन सामग्री हम ही भेजते है | आपको केवल फल, मिठाई, पंचामृत की व्यवस्था करनी होती है | 

यदि आप चाहते है की आपको एक ही जगह सारा समाधान मिल जाये तो आपकी गृह प्रवेश पूजा को और भी आसान बनाने के लिए हम खानपान सेवाओं, घर की सजावट, अतिथियों को देने के लिए रिटर्न उपहार और फोटोग्राफी की सुविधा भी उपलब्ध करवाते है | 

अधिक जानकारी पाने के लिए आप हमारे टोल फ्री नंबर  080-61160400 पर संपर्क करें | यदि आप सामान्य पूजा की जगह ई पूजा करवाना चाहते है तो हमारी हाई क्वालिटी ऑडियो और वीडियो द्वारा ऑनलाइन ई पूजा करवा सकते है | 

Table of Contents

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  • गृह प्रवेश पूजा सामान्य ( उत्तर और दक्षिण भारतीय शैली दोनों के लिए ) 
  • गृह प्रवेश पूजा प्रीमियम ( उत्तर और दक्षिण भारतीय शैली दोनों के लिए ) 
  • गृह प्रवेश पूजा – सरल ( उत्तर और दक्षिण भारतीय शैली दोनों के लिए ) 
  • गृह प्रवेश पूजा ( 2 दिन )  – सामान्य ( उत्तर और दक्षिण भारतीय शैली दोनों के लिए ) 
  • गृह प्रवेश पूजा का पहला दिन  
  • गृह प्रवेश पूजा का दूसरा दिन 
  • पहले दिन की पूजा 
  • दूसरे दिन की पूजा 
  • गृह प्रवेश भव्य पूजा ( 2 दिन ) – ( उत्तर और दक्षिण भारतीय शैली दोनों के लिए ) 
  • गृह प्रवेश पूजा के फायदे 
  • गृह प्रवेश पूजा मन्त्र 
  • पूजन विधि 
  • गृह प्रवेश पूजा में लगने वाली पूजन सामग्री 
  • गृह प्रवेश पूजा से पहले क्या करें 
  • गृहप्रवेश पूजा के बाद क्या करें और क्या नहीं करें 
  • गृह प्रवेश पूजा के लिए बुकिंग कैसे करें 
  • गृह प्रवेश पूजा से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

गृह प्रवेश पूजा सामान्य ( उत्तर और दक्षिण भारतीय शैली दोनों के लिए ) 

यदि आप गृह प्रवेश पूजा के इस नियमित अनुष्ठान को करवाना चाहते है तो पूजा के लिए 2 पुरोहितों को भेजा जायेगा | जो की आपके गृह पूजा के इस मंगलकारी अनुष्ठान को विधिवत पूरा करवाएंगे | गृहप्रवेश पूजा के इस अनुष्ठान में  द्वार महालक्ष्मी प्रवेश पूजा, गौ पूजा, रसोई पूजा – दूध उबालने का समारोह, गणपति पूजा, पुण्यवाचनम, मंडल दर्शन, कलश स्थापना, षोडशोपचार पूजा, नवग्रह पूजा, वास्तु पूजा, होम – गणपति होम, नवग्रह होम, वास्तु होम, पूर्णाहुति, महामंगल आरती, आशीर्वाद, तीर्थ प्रसाद विनयोग आदि करवाए जाएंगे | 

इस पूजा अनुष्ठान में 2 से 2:30 घंटे का समय लगेगा | 

इस अनुष्ठान में सत्यनारायण व्रतम और सुदर्शन यज्ञ को जोड़ा जा सकता है | 

पूजा व्यय में पुजारी की दक्षिणा, यात्रा व्यय, पूजा सामग्री, फूल आदि शामिल है | 

गृह प्रवेश पूजा प्रीमियम ( उत्तर और दक्षिण भारतीय शैली दोनों के लिए ) 

अपने गृहप्रवेश पूजा के लिए यदि आप प्रीमियम पूजा को चुनते है तो इसमें पूजन की अवधि थोड़ी बढ़ जाती है इसमें कुछ और खास पूजाओं को शामिल किया जाता है | प्रीमियम गृह प्रवेश पूजा में 2 पुरोहित विधिवत रूप से पूजा अनुष्ठान करवाते है | इस पूजा अनुष्ठान में द्वार महालक्ष्मी प्रवेश पूजा, गौ पूजा, कन्या पूजा, लक्ष्मी पूजा, रसोई पूजा – दूध उबालने का समारोह, गणपति पूजा, पुण्यवाचनम, मंडल दर्शन, कलश स्थापना, षोडशोपचार पूजा, नवग्रह पूजा, वास्तु पूजा, होम – गणपति शामिल हैं। इसके अलावा होमा, नवग्रह होम, दिव्य वास्तु होम, लक्ष्मी-कुबेर होम और कुलदेवता होम, पूर्णाहुति, सत्यनारायण पूजा और व्रतम, महामंगल आरती, आशीर्वाद, तीर्थ प्रसाद विनयोग आदि को भी इस पूजा अनुष्ठान में शामिल किया गया है।

गृहप्रवेश पूजा दक्षिण के इस अनुष्ठान में 3 से 4 घंटे का समय लगता है | 

गृह प्रवेश पूजा – सरल ( उत्तर और दक्षिण भारतीय शैली दोनों के लिए ) 

लोग गृह प्रवेश पूजा के लिए सामान्य और सरल पूजा करवाना चाहते है वह इस पूजन अनुष्ठान को चुन सकते है | यह पूजन अनुष्ठान छोटा होता है और इसमें अति महत्वपूर्ण पूजन अनुष्ठान को ही करवाया जाता है | इस सरल पूजन अनुष्ठान को करवाने के लिए 1 पुरोहित को भेजा जाता है | इस पूजन अनुष्ठान में द्वार महालक्ष्मी प्रवेश पूजा, गौ पूजा, रसोई पूजा – दूध उबालने का समारोह, गणपति पूजा, पुण्यवचनम, कलश स्थापना, नवग्रह पूजा, वास्तु पूजा, गणपति होम, पूर्णाहुति, महामंगल आरती, आशीर्वाद, तीर्थ प्रसाद विनयोग आदि को पुरे विधि विधान से करवाया जाता है | 

गृहप्रवेश पूजा के इस सरल अनुष्ठान को करवाने में 1.5 से 2.0 घंटे का समय लगता है | 

इस पूजा अनुष्ठान में सत्यनाराण व्रतम को जोड़ा जा सकता है | 

गृह प्रवेश पूजा ( 2 दिन )  – सामान्य ( उत्तर और दक्षिण भारतीय शैली दोनों के लिए ) 

यह पूजन अनुष्ठान की अवधि लम्बी है और इसमें पूजन और अनुष्ठान 2 दिन तक चलते है | इस गृहप्रवेश पूजा और अनुष्ठान में स्मार्टपूजा द्वारा 2 पुरोहितों को भेजा जाता है जो की अपने शुभ वाणी से मंत्रो का उच्चारण करते हुए इस मंगलकारी अनुष्ठान को पूर्ण करवाते है जिससे आपके घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है |  इस गृहप्रवेश पूजा के अनुष्ठान में पहले दिन शाम के समय पूजा शुरू होती है | 

पूजा अवधि – पहले दिन की पूजा में 2 से 3 घंटे का समय लगता है | 

गृह प्रवेश पूजा का पहला दिन  

 इस दिन शाम को अनुष्ठान किया जाता है जिसमें गणपति पूजा, पुण्यवाचनम, मंडल आराधना, मंडल दर्शन, कलश स्थापना, नवग्रह पूजा, वास्तु पूजा, वास्तु पूजा, रक्षोगना होम, पूर्णाहुति, महामंगल आरती, दिगबली पूजा आदि की जाती है | 

गृह प्रवेश पूजा का दूसरा दिन 

दूसरे दिन यह पूजा शुभ मुहूर्त के अनुसार शुरू की जाती है |  दूसरे दिन की पूजा में पूजा के अनुष्ठानों में गृह प्रवेश अनुष्ठान, द्वार महालक्ष्मी प्रवेश पूजा, वास्तु पूजा, लक्ष्मी पूजा, कुल देवी देवता पूजा, तुलसी पूजा, गौ पूजा, रसोई पूजा, गणपति होम, नवग्रह होम, लक्ष्मी कुबेर होम, कुलदेवता होम, पूर्णहुति, महामंगल पूजा होती है । इसके अलावा इस दिन आरती, सत्यनारायण पूजा और कथा, आशीर्वाद आदि द्वारा इस अनुष्ठान को विधिवत पूर्ण किया जाता है | 

पूजा अवधि – दूसरे दिन के गृहप्रवेश पूजा के इस अनुष्ठान में 3 से 4 घंटे का समय लगता है | 

इस गृहप्रवेश पूजा के पहले दिन के अनुष्ठान में सुदर्शन यज्ञ को जोड़ा जा सकता है | 

गृहप्रवेश पूजा (2 दिन ) – प्रीमियम ( उत्तर और दक्षिण भारतीय शैली दोनों के लिए ) 

गृह प्रवेश पूजा के इस प्रीमियम अनुष्ठान में पूजा की शुरुआत पहले दिन सुदर्शन होम अनुष्ठान के साथ शुरू होती है | दूसरे दिन की पूजा में सत्यनारायण स्वामी की पूजा के लिए बालाजी की विशेष साज श्रृंगार किया जाता है |  

पहले दिन की पूजा 

पहले दिन गृह पूजा के इस अनुष्ठान में गणपति पूजा, पुण्यवाचनम, मंडल आराधना, मंडल दर्शन, कलश स्थापना, नवग्रह पूजा, वास्तु पूजा, वास्तु होम / हवन, रक्षा होम / हवन, सुदर्शन होम / हवन, पूर्णाहुति, महामंगल आरती, दिगबली पूजा को विधि और विधान के साथ सुन्दर मंत्रो के उच्चारण के साथ किया जाता है | 

इस पूजन अवधि में 3 से लेकर 3.5 घंटे का समय लगता है | 

दूसरे दिन की पूजा 

गृह प्रवेश पूजा के दूसरे दिन के अनुष्ठान में  द्वार महालक्ष्मी प्रवेश पूजा, वास्तु पूजा, लक्ष्मी पूजा, कुल देवी देवता पूजा, तुलसी पूजा, गौ पूजा, रसोई पूजा, गणपति होम, नवग्रह होम, लक्ष्मी कुबेर होम, कुलदेवता होम, पूर्णाहुति, महामंगल आरती, बालाजी अलंकार पूजा की जाती है इसके अलावा  सत्यनारायण स्वामी पूजा और कथा, आशीर्वाद को भी विधिवत सम्पूर्ण करवाया जाता है | 

पूजा अवधि – दूसरे दिन की पूजा में करीब 3 से 4 घंटे का समय लगता है | 

गृह प्रवेश भव्य पूजा ( 2 दिन ) – ( उत्तर और दक्षिण भारतीय शैली दोनों के लिए ) 

गृह प्रवेश पूजा अनुष्ठान को पूर्ण भव्यता के साथ किया जाता है | इसमें भगवान के लिए बड़े बड़े मंडल बनाये जाते है और विशेष सजावट की जाती है जिसे देखने से ही मन प्रफुल्लित हो जाता है | इस 2 दिन के पूजा अनुष्ठान समारोह को करने के लिए पहले दिन के पूजन अनुष्ठान को 5 पुरोहित संपन्न करवाते है | और दूसरे दिन के पूजन कार्यक्रम को 2 से 3 घंटे में विधिवत रूप से संपन्न करवाया जाता है | 

 गृह पूजा के इस भव्य पूजन अनुष्ठान के लिए 8 टेबल और बेंच एवं 35 से 40 ईंटो की व्यवस्था आपको करनी होती है | 

नोट – ऊपर बताई गयी पूजा में आप किसी तरह का बदलाव चाहते है तो इसको आपके अनुसार अनुकूलित भी किया जा सकता है | 

भव्य गृह प्रवेश पूजा करवाने के लिए आप हमारे टोल फ्री नंबर – 080-61160400 पर कॉल कर सकते है | 

गृह प्रवेश पूजा के फायदे 

  • यह घर के वातावरण को शुद्ध और सात्विक बनाता है | 
  • यह घर में से नेगेटिव ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है | 
  • इस पूजा से घर में रहने वाले परिवारजनों को स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहता है | 
  • इस पूजा के बाद घर में शांति बनी रहती है और परिवार के सदस्यों के बीच अच्छे सम्बन्ध बने रहते है| 
  • यह पूजा करवाने से घर में किसी तरह के संकट और परेशानी नहीं आते है | 
  • इस पूजा में नौ गृह शांति का अनुष्ठान करवाया जाता है जो की आपको दुर्भाग्य से बचाता है और आपके जीवन को मंगलकारी बनाता है | 

गृह प्रवेश पूजा मन्त्र 

गृह प्रवेश पूजा की शुरआत प्रथम पूज्य, विघ्नहर्ता , रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा की जाती है और मंत्रो और अनुष्ठान के द्वारा उन्हें निवास स्थान पर स्थापित किया जाता है और कामना की वे स्थान पर रहे और सभी शुभ कार्यों के लिए अपना आशीर्वाद प्रदान करें | 

पूजन विधि 

सबसे पहले भगवांन को फूल और चावल अर्पित करने के बाद मंत्रो के द्वारा उनका आह्वान किया जाता है – 

ओम गणेशाय नमः आवाहयामि 

इसके बाद भगवान गणेश को फूल चढ़ाये और चंदन लगाते हुए निम्न मंत्र का जाप करें – 

ॐ गणेशाय नमः गंधम समर्पयामि | 

ॐ गणेशायम नमः पुष्पम समर्पयामि | 

इसके बाद भगवान गणेश के आगे दीपक प्रज्वलित करें और अगरबत्ती जलाएं व इस मन्त्र का उच्चारण करें – 

ॐ गणेशाय नमः दीपं दर्शयामि | 

अब भगवान गणेश को भोजन समर्पित करते हुए निम्नलिखित मंत्र का जाप करें – 

ॐ गणेशाय नमहमृता महा नैवेध्यम ईवेदयामि | 

ॐ गणेशाय नमः सर्वोपाकारम समर्पयामि | 

भगवान गणेश को प्रसाद और पुष्प अर्पित करने के बाद भगवान गणेश के निम्नलिखित मंत्रो का उच्चारण करें – 

ॐ  एकदंताय नमः

ॐ कपिलाय नमः

ॐ गजकर्णकाय नमः

ॐ लम्बोराराय नमः

ॐ विकताय नमः

ॐ विघ्नराजय नमः

ॐ विनायकः नमः

ॐ धूमकेतवे नमः

ॐ गणध्याक्षय नमः

ॐ भालचंद्राय नमः

ॐ गजाननय नमः वक्रतुंदाता नमः

ॐ सुरपाकर्णाय नमः

ॐ हेरमबया नमः

ॐ स्कंदपुरवजय नमः

ॐ श्री सिद्धिविनायकाय नमः सुमुखाय नमः

गणेश पूजा के उपरांत कलश पूजा की  जाती है कलश पूजा के लिए निम्नलिखित मंत्र हैं:

Om वर्धिनी-वरुंड्यवहित देवताभ्यो नमः अवहायमि

Om वर्धिनी-वरुंड्यवहित देवताभ्यो नमः गन्धम समरपायमि

Om वर्धिनी-वरुंड्यवाहित देवताभ्यो नमः पुष्पं समरपयमि

Om वर्धिनी-वरुंड्यवाहित देवताभ्यो नमः धूपं अघ्रपयमि

Om वर्धिनी-वरुंड्यवहित देवताभ्यो नमः दीपं दरसयामि

ओम वर्धिनी-वरुंड्यवाहित देवताभ्यो नमहम्रता- महा-नैवेद्यं निवेदयमि

Om वर्धिनी-वरुंड्यवहित देवताभ्यो नमः सर्वोपाकर्म समरपयमी

गृह प्रवेश पूजा में लगने वाली पूजन सामग्री 

गृह प्रवेश पूजा के के लिए विधिवत पूजन और अनुष्ठान करने के लिए आवश्यक पूजन सामग्री का होना जरुरी है | स्मार्टपूजा द्वारा इन सभी पूजन सामग्रियों का प्रबंधन किया जाता है | गृह प्रवेश अनुष्ठान के लिए पूजन सामग्री में निम्नलिखित सामग्री होती है – अक्षत, कपूर, अगरबत्ती, धूप, हल्दी, कुमकुम, गंध, पान के पत्ते,आम के पत्ते, फूल माला, खुले फूल, पंचपात्र, कलश, कुम्भलकाई, घंटा आरती, नवग्रह धन्य, नवग्रह वस्त्र, नारियल , होम सामग्री, जलाऊ लकड़ी, समिति, नवग्रह समिति, वास्तु प्रतिमा, पूर्णाहुति कपड़ा, चावल, रंगोली पाउडर, रंग, काला तिल, बट्टा – फूला हुआ चावल, दरबा कट, दरबा घास, तुलसी के पत्ते, सूखा नारियल, गाय की मूर्ति, घी, अर्का समिति, सिक्के, नट, कपास वस्त्र, आदि | 

गृह प्रवेश पूजा से पहले क्या करें 

आपकी ग्रहप्रवेश पूजा निर्विघ्न रूप से सम्पूर्ण हो इसके लिए हम यजमान को एक चेकलिस्ट देते है जिसके अनुसार वह यह जान सकते है की उन्हें पूजा के लिए पूजा से सबंधित क्या क्या कार्य करने चाहिए | यह सूची हमारे विशेषज्ञ पंडितों ने तैयार की है जिनके द्वारा बताये गए कार्यों के आधार पर आप कार्य करते है तो आपकी पूजा निर्विघ्न रूप से संपन्न होती है औरर घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है | आइये जानते है पूजन से पहले आपको क्या करना चाहिए | 

  • गृहप्रवेश पूजा के लिए सबसे पहले जरुरत है गृहप्रवेश और पूजा के लिए एक अच्छे मुहर्त की | जिसे की आप पंडितजी से पूछ सकते है और अच्छा दिन और समय देखकर पूजन का दिन सुनिश्चित कर सकते है | 
  • पूजन से पहले अपने घर को अच्छे से साफ़ कर लें | एक शुद्ध स्थान पर ही पूजा करने से पूजा सफल हो पाती है इसलिए अपने पुरे घर की फर्श को साफ़ पानी से धो लें और झाड़ बुहार लें | 
  • पूजा के लिए आवश्यक सामग्रियों की सूचि बना लें और उन्हें पूजा से पहले ही व्यवस्थित रख लें जिससे पूजन के समय सामग्री सही समय पर मिल सके और आपका अनुष्ठान सही तरह से पूर्ण हो सके | 

गृहप्रवेश पूजा के बाद क्या करें और क्या नहीं करें 

गृह प्रवेश पूजा का हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्व है यही वजह है की जब भी आप कोई नया घर खरीदते है तो उसमें रहने जाने से पहले वहां के वातावरण को शुद्ध करने के लिए गृह प्रवेश पूजा की गृह जा करवा ली थी लेकिन उसके बाद उन्होंने लम्बे समय तक उसमें रहने नहीं गए है तो अब उन्हें पूजा करवाने जरुरत नहीं है | लेकिन यह ध्यान रखें जब भी आप वहां रहने जा रहे तभी सामान्य गृह प्रवेश पूजा करवाना जरुरी है | 

गृहप्रवेश के समय क्या करें और क्या नहीं 

गृहप्रवेश पूजा आपके सौभाग्य के लिए की जाती है इसलिए पूजा के समय आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं यह जानना बेहद जरुरी है | 

  • गृह प्रवेश पूजा के बाद गृह के स्वामी को 3 दिन तक घर में ही रहना चाहिए | 
  • इस पूजा के समय दूध उबालने और शंख बजाने जैसे रीती रिवाज किये जाते है जिनका उद्देश्य घर से बुरी आत्माओं को दूर कर घर में सुख शांति और समृद्धि लाना  होता है | 
  • गृह प्रवेश पूजा में प्लास्टिक के बजाय स्टेनलेस स्टील के बर्तनो का उपयोग करना चाहिए | 
  • पूजन में नकारात्मक भावों को दूर रखते हुए शुद्ध मन से बैठना चाहिए | 
  • पूजा के समय पंडित जी जो भी मन्त्र पढ़ रहे है उन्हें पुरे मन से सुनें और शुद्धता के साथ उच्चारण करना चाहिए | 
  • पुरे घर में आम के पत्तों से पवित्र जल का छिड़काव करें | 
  • गृहप्रवेश एक आनंद उत्सव है इसलिए इसमें अपने परिवारजनों और मित्रों को शामिल करें और इसका आनंद उठाएं | 

गृह प्रवेश पूजा के लिए बुकिंग कैसे करें 

पूजा के लिए अब आपको केवल एक फ़ोन लगाकर बुकिंग करने की है उसके बाद पूजन सामग्री, मुहूर्त निकलवाने की व्यवस्था, पंडित की व्यवस्था सभी स्मार्टपूजा द्वारा की जाती है | हमारे पास पंडित और पूजन सामग्री प्रबंधकों की बड़ी टीम है जो की बहुत ही व्यवस्थित तरीके से आपकी पूजा की व्यवस्था करती है और आपके पूजा के अनुभव को भव्य बनाती है |  सभी तरह की पूजा और अनुष्ठान के लिए आप हमारे 080-61160400 या व्हाट्सएप नंबर पर @ 9036050108 पर कॉल कर सकते है |

गृह प्रवेश पूजा से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. हमारा गृह प्रवेश सोमवार को रखा है क्या हम अपना सामान रविवार रात मे रख ले और सुबह रसोई से अलग घर के अन्य हिस्से से गृह प्रवेश का खाना बनाना शुरू कर सकते है कृपया बताए इसमे कुछ गलत तो नही है ?

गृह प्रवेश से पहले घर में नकारात्मक शक्तियां होती है इसलिए जहाँ तक संभव हो घर का सामान गृह प्रवेश के बाद शिफ्ट करें | गृह प्रवेश से पहले घर के किसी भी हिस्से में खाना बिलकुल भी नहीं बनाना चाहिए | यह अशुभ माना जाता है |

2. गृह प्रवेश पूजा में रखे नारियल का क्या करना चाहिए ?

गृह प्रवेश पूजा में रखे नारियल को आप लाल कपडे में लपेटकर पूजा में रख सकते है | यह आपके घर के लिए शुभकारी  होगा | अधिक पुराना होने पर आप नारियल को किसी तालाब या नदी में प्रवाहित कर सकते है | पूजा के समय पंडित जी इसको रखने का विधान भी समझाएंगे

3. आम के पत्ते नहीं होने पर क्या नारियल को अशोक के पत्ते पर रख सकते है ?

आम पत्ते अगर न मिले तो पान पत्ते रखे जा सकते है |

4. नए बने मकान में सत्यनारायण भगवान की कथा करवानी चाहिए या हवन करवाना चाहिए ?

गृह प्रवेश पूजा के दिन गणेश जी के साथ ही आप सत्यनारायण भगवान की कथा करवा सकते है | लेकिन साथ में आपको वास्तु शांति हवन जरूर करवाना चाहिए और इसके बाद ही सत्यनारायण की कथा करवानी चाहिए |

5. मै 29 मई को गृह प्रवेश करवाना चाहती हूं लेकिन किसी कारणवश मुझे 28 मई की शाम को ही उस घर मे शिफ्ट हो जाना है तो क्या बिना पूजन के एक रात उस घर मे रहा जा सकता है, यदि रसोई का भी उपयोग न किया जाए पूजा से पहले ?

जब तक गृहप्रवेश पूजा नहीं हो जाती तब तक हमें नए घर में रात भर रहने से बचना चाहिए

6.  विजय दशमी के दिन गृह प्रवेश कर सकते है क्या कृपया यह बताने का कष्ट करें ?

गृह प्रवेश के लिए विजयादशमी यानि की दशहरे के दिन को बहुत ही शुभ माना गया है आप बिना मुहूर्त देखे विजयादशमी के दिन गृह प्रवेश कर सकते है |

7. 5 मांगलिक वस्तुएं जिनको नए घर में लेकर जानी है उनका क्या करना है ?

नवगृह में प्रवेश के समय पांच मांगलिक वस्तुएं नारियल, पिली हल्दी, गुड़, चावल और दूध के साथ प्रवेश करना चाहिए | इन मांगलिक वस्तुओं का उपयोग पूजा के लिए करना चाहिए |

8. कलश के जल और नारियल का क्या करना है ?

 कलश के जल को आप अपने पेड़ पौधे में डाल सकते है और कलश एवं उसके ऊपर रखे नारियल  को अपने पूजा घर में स्थापित कर सकते है | सवा महीने के बाद आप नारियल को किसी तालाब या नदी में प्रवाहित कर सकते है | पूजा के समय पंडित जी इसको रखने का विधान भी समझाएंगे

9. जो कलश स्थापित किया है कब हटा सकते है ?

पूजन के तीसरे दिन आप कलश को अपने पूजा घर में स्थापित कर सकते है |

10. क्या धनतेरस को गृह प्रवेश कर सकते है ?

धनतेरस माता लक्ष्मी, गणेश और कुबेर पूजा का दिन होता है और यह बहुत ही शुभ दिन होता है | लेकिन गृह प्रवेश के लिए धनतेरस के दिन को शुभ नहीं माना जाता है | इस दिन वास्तु सुषुप्तावस्था में रहता है और इस समय गृहप्रवेश को सही नहीं माना जाता है | इस दिन गृह प्रवेश करने से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य खराब रहता है और धन की भी हानि होती है |

11. घर में प्रवेश करते समय केवल चांदी का कलश रखना अनिवार्य है ? या तांबे के कलश का भी उपयोग किया जा सकता है ?

पूजा के लिए चांदी के कलश को श्रेष्ठ माना जाता है लेकिन यदि चांदी का कलश नहीं है तो आप मिट्टी या ताम्बे के कलश को भी पूजा रख सकते है | पूजा के लिए इन्हें भी चांदी की तरह शुद्ध माना जाता है |

12. कृपया बताएं कद्दू को दूध गर्म करने से पहले तोडना है या बाद में ?

वास्तु पूजा के बाद (यदि पूजा शाम को की जाती है) या सभी अनुष्ठानों के पूरा होने के बाद, दृष्टि दोष को दूर करने के लिए कद्दू को तोड़ा जाता है।

13. अगर दूध उबालने के लिए कांसे और ताम्बे के बर्तन नहीं है तो किस तरह के तरह के बर्तन का उपयोग दूध उबालने के लिए किया जा सकता है ?

आपके पास कांसे या ताम्बे का बर्तन नहीं है तो चांदी के बर्तन या मिटटी के बर्तन का उपयोग दूध उबालने के लिए किया जा सकता है |

14. कुछ लोगों का कहना है की जुलाई से नवंबर तक नए घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए, क्या यह सही बात है ?

शास्त्रों के अनुसार देव सोने के बाद यानि की जुलाई से लेकर देव उठनी एकादशी तक जो की नवंबर महीने में आती है  गृह प्रवेश के लिए शुभ समय नहीं माना जाता है |

15. वह दीपम की वस्तुएं जो की गृह प्रवेश से पहले हमने लक्ष्मी पूजा के समय रखी थी उन वस्तुओं का गृह प्रवेश के बाद क्या करें ?

उन वस्तुओं को आप अपने पूजा कक्ष में रख सकते है |

16. क्या हम ताम्बे के बर्तन की जगह मिटटी के बर्तन में दूध उबाल सकते है, कृपया बताएं ताम्बे और मिट्टी के बर्तन में कौनसा बर्तन श्रेष्ठ है ?

पूजन के लिए ताम्बे की तरह मिट्टी के बर्तन को भी दूध उबालने के लिए श्रेष्ठ बताया गया है | अतः आप मिटटी के बर्तन में दूध उबाल सकते है |

17. मैं जानना चाहता हूं कि क्या यह सच है कि केवल जमीन की संपत्ति यानी जमीन पर घर ही वास्तु शांति पूजा करने के योग्य हो सकता है न कि फ्लैट सिस्टम में, क्योंकि वास्तु पुरुष को जमींन पर होना चाहिए ना की सीमेंट की छत के नीचे ?

घर कैसा भी हो छोटा हो बड़ा हो या कोई फ़्लैट हो सभी को वास्तु शांति पूजा करवानी चाहिए | क्योंकि जिस जगह पर आप रह रहे है वहां पर कुछ वास्तु दोष हो सकते है जिनका निवारण वास्तु शांति पूजा के द्वारा किया जाता है |

18. मेरा दूसरी मंजिल पर फ्लैट है क्या मुझे वास्तु पूजा करवानी चाहिए, कृपया मार्गदर्शन करें ?

जब भी आप किसी घर में पहली बार रहने के लिए जाते है तो आपको उसकी गृह प्रवेश पूजा जरूर करवानी चाहिए | घर चाहे कोई मकान हो या फ़्लैट सभी के लिए गृह प्रवेश और वास्तु पूजा करवाना जरुरी होता  है | जो भी घर लम्बे समय के लिए खाली रहता है तो उसमे नकारात्मक शक्तिओं का वास होता है |

19. गुरूजी मैं विदेश से आया हूँ मैं एक फुली फर्निश्ड घर किराये के घर में जा रहा हूँ क्या नारियल और कद्दू को तोड़े बिना पूजा कर सकते है ?

आप नए घर या किसी किराए के घर में रहने के लिए जाते है तो उससे पहले आपको गृह प्रवेश पूजा करनी चाहिए | इससे घर में नकरात्मकता दूर होकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है | गृह प्रवेश या किसी भी शुभ ;कार्य के समय नारियल तोडना शुभ माना जाता है | इसके पानी में किसी तरह की मिलावट नहीं होती है यह शुद्ध जल जब आपके घर में गिरता है तो आपके घर की सारी नकारात्मकता दूर होती है | इसलिए यदि आप नारियल और कद्दू को तोड़ते है तो यह आपके घर के लिए अच्छा होगा |

20. क्या चांदी के गिलास से शिवलिंगम पर दूध और पंचामृत का अभिषेक ठीक रहता है ?

चांदी को सबसे शुद्ध धातु माना जाता है, यदि आप चांदी के गिलास से पंचामृत चढ़ाते है तो आपके पितृदोष दूर होते है |

21. क्या नवगृह प्रवेश पूजा अविवाहित महिला कर सकती है या यह पूजा केवल विवाहित जोड़े कर सकते है ?

नवगृह प्रवेश पूजा कोई भी व्यक्ति कर सकता है आप चाहे विवाहित हो या अविवाहित | नवगृह प्रवेश पूजा वास्तु शांति के लिए की जाती है और इसमें ग्रह शांति एवं अन्य पूजा की जाती है |

22. हम एक रीसेल फ्लैट खरीद रहे है और हमारा इरादा उसको किराये पर देने का है तो हम गृह प्रवेश कैसे करें ?

आप यदि रीसेल फ़्लैट खरीद रहे है और उसे वापिस किराए पर देना चाहते है तो इसके लिए आप खरीदने के बाद एक दिन की सामान्य गृह प्रवेश पूजा कर लें | इसके बाद आप इसे किराए पर दे सकते है |

23. यदि पत्नी पूजा के लिए समय नहीं निकाल पाती है तो क्या पति अपनी कुमारिका बेटी के साथ यह पूजा कर सकता है ?

यह पूजा विवाहित दम्पति कर सकते है और यदि विवाहित नहीं है तो व्यक्ति एकल रूप से कर सकते है | आप स्वयं यह पूजा कर सकते है या फिर इस पूजा को अपनी बेटी से करवा सकते है | आप दोनों संयुक्त रूप से इस पूजा को नहीं कर सकते है |

24. कलश को अंदर ले जाने के बाद उस कलश को कहाँ रखें ?

कलश को अंदर ले जाने के बाद आप उसे अपने पूजा घर में स्थापित कर सकते है |

25. हमने गुरुवार को नए मकान में पूजा कर के जोत लगा के आ गए है, रविवार को मेरी छुट्टी रहती है क्या हम उस दिन शिफ्ट हो सकते है ?

वास्तु शास्त्र के अनुसार गृह प्रवेश के बाद 3 दिन तक उस घर को खाली नहीं छोड़ना चाहिए | इसलिए गृह प्रवेश के बाद किसी ना किसी को उस घर में रहना चाहिए | इसलिए गृहप्रवेश के एक दिन पहले शिफ्ट होना आपके लिए श्रेश्ठकर रहेगा |

26. यदि नए मकान में गृहप्रवेश पहले कर रखा है और दो चार महीने बाद वास्तु रखना है तो उसका मुहूर्त कैसे निकालें कृपया बताएं ?

आपने अगर 4 महीने पहले गृहप्रवेश पूजा कर ली है तो वास्तु पूजा के लिए मुहूर्त निकलवाने के लिए स्मार्टपूजा 080-61160400 या व्हाट्सएप @ 9036050108 पर कॉल करें ।

27. यह बताया गया है की गृह प्रवेश की पूजा 3 दिन में होनी चाहिए, क्या हम वास्तु पूजा और अन्य उपयोगी पूजा बाद में किसी दिन शुभ मुहूर्त में कर सकते है क्या ?

नवगृह प्रवेश पूजा 1 दिन की 2 दिन या 3 दिन की होती है | यह सब पूजा आपके गृह प्रवेश के समय हो तो इसका आपको विशेष लाभ होता है | यदि किसी कारणवश आप कुछ पूजा को उस समय नहीं करवा पा रहे है तो आप जल्दी ही कोई शुभ मुहूर्त निकलवाकर उन पूजा को करवा सकते है |

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