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सुंदरकांड पाठ: विधि, लाभ, सामग्री लिस्ट और बुकिंग

सुंदरकांड पाठ: विधि, लाभ, सामग्री और बुकिंग
“कवन सो काज कठिन जग माहीं, जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं”
हिन्दू धर्म में सुंदरकांड पाठ को सबसे शक्तिशाली अनुष्ठानों में से एक माना जाता है। यह रामायण का पांचवां अध्याय है जो विशेष रूप से हनुमान जी के पराक्रम, बुद्धि और माता सीता की खोज पर केंद्रित है।
माना जाता है कि जब जीवन में चारों तरफ से संकट घिर जाएं, तो सुंदरकांड का पाठ “राम बाण” की तरह काम करता है। चाहे घर में सुख-शांति हो, नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) को दूर करना हो, या आत्मविश्वास बढ़ाना हो—सुंदरकांड अचूक उपाय है।
क्या आप घर पर सुंदरकांड आयोजित करना चाहते हैं? SmartPuja आपको अनुभवी पंडित और भजन मंडली प्रदान करता है।
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सुंदरकांड पाठ का महत्व
गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में 7 कांड लिखे हैं, लेकिन केवल सुंदरकांड ही ऐसा अध्याय है जिसे ‘सुंदर’ नाम दिया गया है।
- आत्मविश्वास की वृद्धि: यह पाठ हमें सिखाता है कि कैसे हनुमान जी ने समुद्र लांघकर असंभव को संभव किया।
- ग्रह दोष निवारण: यह शनि, राहु और केतु के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए अत्यंत लाभकारी है।
- मनोकामना पूर्ति: मान्यता है कि लगातार 7 मंगलवार तक इसका पाठ करने से कोई भी रुका हुआ काम बन जाता है।
सुंदरकांड पाठ बुकिंग पैकेज (Packages & Price)
SmartPuja आपकी आवश्यकता के अनुसार दो प्रकार के पैकेज प्रदान करता है:
1. वैदिक सुंदरकांड पाठ (Standard)
यह एक पारंपरिक पूजा है जिसे वैदिक पंडित द्वारा विधि-विधान से संपन्न किया जाता है।
- पंडित: 1 वैदिक पंडित
- अवधि: 1.5 से 2 घंटे
- अनुष्ठान: गणेश पूजा, संकल्प, सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा, आरती और प्रसाद वितरण।
- उपयुक्तता: जन्मदिन, सालगिरह, या गृह शांति के लिए।
2. संगीतमय सुंदरकांड (Musical)
यह एक भव्य आयोजन है जिसमें भजन मंडली वाद्ययंत्रों के साथ पाठ करती है।
- मंडली: 3-5 कलाकार (गायक + वादक)
- अवधि: 2.5 से 3 घंटे
- अनुष्ठान: ढोलक, हारमोनियम और मंजीरा के साथ संगीतमय पाठ, भजन और महाआरती।
- उपयुक्तता: बड़े समारोह, सामुदायिक पूजा।
आवश्यक पूजन सामग्री (Samagri List)
यदि आप स्मार्टपूजा से बुकिंग करते हैं, तो हम पूजा की सामग्री साथ लाते हैं। सामान्य सूची इस प्रकार है:
| मुख्य सामग्री | श्री रामचरितमानस (सुंदरकांड पुस्तक), हनुमान जी की मूर्ति/फोटो। |
| पूजा सामग्री | लाल फूल, सिन्दूर, चमेली का तेल (चोला चढ़ाने के लिए), अक्षत, गंगाजल। |
| भोग/प्रसाद | बूंदी के लड्डू, गुड़-चना, केला, तुलसी दल। |
| अन्य | घी का दीपक, अगरबत्ती, कपूर, लाल कपड़ा (आसन के लिए)। |
सुंदरकांड पाठ की विधि (Vidhi)
घर पर पाठ करने की सरल विधि इस प्रकार है:
- तैयारी: पूर्व दिशा में एक चौकी (Chowki) रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं। उस पर राम दरबार और हनुमान जी की फोटो स्थापित करें।
- दीपक: घी का दीपक जलाएं। हनुमान जी को सिन्दूर और लाल फूल अर्पित करें।
- संकल्प: हाथ में जल लेकर संकल्प लें—”मैं (अपना नाम) अपनी (मनोकामना) पूर्ति हेतु यह पाठ कर रहा हूँ।”
- पाठ आरम्भ: सबसे पहले गणेश जी और गुरु की वंदना करें। फिर “राम सिया राम सिया राम जय जय राम” का कीर्तन करें और पाठ शुरू करें।
- समापन: पाठ पूरा होने पर हनुमान चालीसा पढ़ें और अंत में आरती करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
मंगलवार (Tuesday) और शनिवार (Saturday) के दिन, विशेष रूप से शाम के समय (गोधूलि बेला), पाठ करना सबसे शुभ माना जाता है।
जी हाँ, पूरी श्रद्धा और पवित्रता के साथ महिलाएं भी सुंदरकांड का पाठ कर सकती हैं।
एक लयबद्ध पाठ में आमतौर पर 1.5 से 2 घंटे लगते हैं। संगीतमय मंडली के साथ इसमें 3 घंटे तक का समय लग सकता है।









