अन्नप्राशन संस्कार: विधि, मुहूर्त 2026, और सामग्री (Annaprashan Vidhi)

अन्नप्राशन संस्कार: विधि, मुहूर्त, सामग्री और महत्व
शिशु का जन्म होने के बाद, हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में अन्नप्राशन संस्कार (First Rice Eating Ceremony) का विशेष महत्व है।
मेडिकल साइंस के अनुसार भी, जन्म के 6 महीने तक शिशु को केवल माँ का दूध (स्तनपान) ही दिया जाना चाहिए। 6 महीने के बाद, जब बच्चे का शरीर ठोस आहार (Solid Food) पचाने के लिए तैयार होता है, तब हम ‘अन्नप्राशन’ के माध्यम से उसे पहली बार अन्न खिलाते हैं।
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अन्नप्राशन संस्कार क्या है और क्यों जरुरी है?
“अन्न” का अर्थ है भोजन और “प्राशन” का अर्थ है ग्रहण करना। अर्थात, वह संस्कार जिसमें बच्चा पहली बार अन्न ग्रहण करता है।
- शारीरिक विकास: 6 महीने की उम्र में बच्चे के दांत निकलने शुरू होते हैं और पाचन तंत्र मजबूत होता है। अन्नप्राशन उसे स्वस्थ और बलवान बनाने की शुरुआत है।
- मानसिक शुद्धता: शास्त्रों में कहा गया है—“जैसा खाए अन्न, वैसा होवे मन।” शुद्ध और मंत्रों से अभिमंत्रित अन्न खाने से बच्चे के विचारों और संस्कारों में शुद्धता आती है।
- वैदिक महत्व: यजुर्वेद के अनुसार, “तेन त्यक्तेन भुंजीथा” (त्याग के साथ भोजन करो)। हम पहले देवताओं को भोग लगाते हैं, फिर उसे प्रसाद रूप में बच्चे को खिलाते हैं।
अन्नप्राशन कब करना चाहिए? (शुभ मुहूर्त)
इस संस्कार के लिए समय का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है:
- लड़कों के लिए (Boys): सम महीने (Even Months) जैसे 6ठा या 8वां महीना शुभ माना जाता है।
- लड़कियों के लिए (Girls): विषम महीने (Odd Months) जैसे 5वां या 7वां महीना शुभ होता है।
अन्नप्राशन पूजन सामग्री लिस्ट
पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री आवश्यक है (स्मार्टपूजा से बुकिंग करने पर हम ये सामग्री लाते हैं):
| मुख्य सामग्री | चांदी की कटोरी और चम्मच, बच्चे के लिए नए कपड़े। |
| प्रसाद (खीर) | चावल, गाय का दूध, घी, शहद, तुलसी दल, गंगाजल। |
| पूजा सामग्री | रोली, अक्षत (चावल), फूल, दीपक, अगरबत्ती, कलश, नारियल। |
| हवन सामग्री | हवन कुंड, लकड़ी (समिधा), घी, काले तिल। |
अन्नप्राशन विधि (Step-by-Step Ritual)
यह संस्कार पवित्रता के साथ किया जाना चाहिए। यहाँ विस्तृत विधि दी गई है:
1. पात्र पूजन (बर्तन की शुद्धि)
बच्चे को जिस बर्तन में खाना खिलाया जाए, वह शुद्ध होना चाहिए। चांदी को सबसे पवित्र धातु माना जाता है।
चांदी की कटोरी पर चंदन या रोली से स्वास्तिक बनाएं। उस पर अक्षत और फूल चढ़ाएं और प्रार्थना करें:
“ॐ हिरण्मयेन पात्रेण, सत्यस्यापिहितं मुखम।
तत्वं पूषन्नपावृणु, सत्यधर्माय दृष्टये॥”
2. अन्न संस्कार (खीर तैयार करना)
खीर को केवल भोजन नहीं, बल्कि प्रसाद बनाना है।
- शहद: खीर में थोड़ा शहद मिलाएं और प्रार्थना करें कि बच्चे की वाणी मीठी हो।
मंत्र: “ॐ मधुवाता ऋतायते, मधुरक्षरन्ति सिन्धवः…” - घी: घी मिलाएं ताकि बच्चे का शरीर कोमल और स्नेहपूर्ण रहे।
मंत्र: “ॐ घृतं घृतपावानः, पिबत वसां वसापावनः…” - तुलसी: अंत में तुलसी दल डालें जो रोगों से रक्षा करती है।
3. विशेष आहुति (हवन)
तैयार खीर को पहले देवताओं को अर्पित किया जाता है। गायत्री मंत्र के साथ हवन कुंड में 5 विशेष आहुतियां दी जाती हैं, ताकि अन्न दोष-मुक्त हो जाए।
4. क्षीर प्राशन (खिलाना)
हवन के बाद, मामा (Maternal Uncle) या पिता बच्चे को गोद में लेकर चांदी की चम्मच से पहली बार खीर चटाते हैं। सभी बड़े-बुजुर्ग बच्चे को आशीर्वाद देते हैं और खिलौने/उपहार भेंट करते हैं।
जीविका परीक्षा (खेल रस्म)
अन्नप्राशन के बाद एक मजेदार रस्म होती है जिसे ‘जीविका परीक्षा’ कहते हैं। बच्चे के सामने कुछ वस्तुएं रखी जाती हैं:
- किताब: ज्ञान और शिक्षा में रुचि।
- कलम (Pen): विद्वान या लेखक बनने का संकेत।
- सोना/गहने: धन और समृद्धि।
- मिट्टी: संपत्ति और जमीन से जुड़ाव।
बच्चा जिसे सबसे पहले छूता है, माना जाता है कि भविष्य में उसकी रुचि उसी ओर होगी।
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- शुभ मुहूर्त: हम आपके बच्चे की जन्म तारीख के अनुसार सही दिन और समय बताते हैं।
- सामग्री: पूजा और हवन की पूरी सामग्री हम साथ लाते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
चांदी को शुद्ध और कीटाणुनाशक (Anti-bacterial) माना जाता है, इसलिए यह परंपरा है। यदि चांदी नहीं है, तो आप स्टील या कांसे के नए बर्तनों का उपयोग भी कर सकते हैं।
परंपरागत रूप से, बच्चे के मामा (Maternal Uncle) या पिता अन्नप्राशन कराते हैं। दादा-दादी भी खिला सकते हैं।
जी हाँ, यह घर पर या मंदिर में किया जा सकता है। घर पर हवन के साथ इसे करना अधिक शुभ माना जाता है क्योंकि इससे घर का वातावरण भी शुद्ध होता है।
अन्नप्राशन पूजा एक जरुरी संस्कार है जो आपके शिशु को स्वस्थ और संस्कारवान बनाता है। यदि आप पूजा की व्यवस्था को लेकर चिंतित हैं, तो SmartPuja आपके लिए वन-स्टॉप समाधान है। आप हमारे माध्यम से मुहूर्त, सामग्री और पंडित बुकिंग आसानी से कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए हमें 080-61160400 पर कॉल करें।









